बैठकी होली में उड़े ‘लोक संस्कृति के रंग’

बैठकी होली में जमकर लोक रंग बिखरे। शिव के मन माही बसे काशी..., होली कैसे खेलूं सांवरिया... जैसे होली के मधुर गीतों पर महिलाएं पारंपरिक अंदाज में बैठकी होली पर झूमीं। पारंपरिक वेशभूषा पहने महिलाओं ने अबीर गुलाल के संग जमकर होली खेली।


 

शुक्रवार को द्रोण आश्रम टपकेश्वर कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में योगाचार्य बिपिन जोशी ने लोगों को गुलाल लगाकर व गुड़ का प्रसाद देकर होली की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में महिलाओं ने होली गीतों पर बैठकर होली मनाई। महिलाओं ने सामूहिक गान व नृत्य किया।
बिपिन जोशी ने कहा कि 21 वर्षों से यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। पांच मार्च को वैष्णो माता मंदिर टपकेश्वर में वाद्य यंत्रों के साथ पारंपरिक अंदाज में होली शुरू होगी। कार्यक्रम का मकसद संस्कृति एवं परंपरा को सहेजना है। कार्यक्रम में कई संस्थाओं के लोगों ने भी हिस्सा लिया।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता डॉ. मथुरा दत्त जोशी, कूर्मांचल सांस्कृतिक परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष कमल रजवार, भगवती जोशी, गीता जोशी, पार्वती पंत, शोभा जोशी, रजनी पंत, कन्नू पांडे, बबीता साह लोहनी, गोपाल दत्त जोशी उपस्थित रहे।